Tuesday 1 September 2015

जिन्दगी की राह को आंतरिक ऊर्जा से रौशन करें।


मित्रों, हम सबके भीतर अजस्र ऊर्जा शक्ति छिपी पङी है जिसे न तो हम 
पहचान पाते हैं और ना ही उसका समुचित उपयोग कर पाते हैं। जिस तरह से एक छोटे से बीज में एक बङा वृक्ष बनने की हर क्षमता होती है लेकिन कई बार सही पोषण न मिलने से वो अपने प्रारंभकाल में ही दम तोङ देता है। उसी तरह मनुष्य में भी अपार संभावनाये हैं जो कुछ तो वातारण के कारण पल्लवित नही हो पाती, तो कुछ उसके स्वयं के आलसी व्यवहार के कारण। अक्सर ये भी देखा जाता है कि अपार ऊर्जा के बावजूद कई लोग असफलता के डर से आगे बढने की हिम्मत नही करते। दर असल कमी संसार में नही है कमी तो हमारे मन में है। यदि हम चाहें तो बिगङे काम भी बना सकते हैं।

मित्रों, बात सिर्फ कैरियर की नही है। हम जिस समाज में रहते हैं वहाँ नाना प्रकार के रिश्ते और अभिलाषायें भी विद्यमान हैं। जिनमें कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक परिवेश की रचना करती हैं। ऐसे में कई बार हम लोग रिश्ते निभाने में भी अपनी अच्छाईयों और अपनी सकारात्मक निःश्चल भावनाओं का आकलन सही तरीके से नही करते।यदि किसी ने कहा कि आप गलत हो तो उसे ही आधार मानकर खुद को कोसने लगते हैं कि, हम तो रिश्ता निभा नही सकते। जबकि ये बहुत बङा सच होता है कि, आपके प्रति लोगों का आकलन  उनके नजरिये से होता है न की आपके नजरिये से, फिर भी नकारात्मक वातावरण  हमारी शुद्ध भावनाओं को आघात कर देते हैं। 

ऐसे में हमें हमारी शुद्ध भावनात्मक ऊर्जा पर विश्वास होना चाहिए। बाहर से दिखने में सभी मनुष्य एक समान दिखते हैं परंतु हर किसी में कोई न कोई न्यूक्लियर शक्ती छुपी हुई है जो सृजन भी कर सकती है और विध्वंस भी कर सकती है। ये तो उसके उपयोग पर निर्भर है। आज विडंबना है ये कि हम अपनी क्षमता को अन्य से कम आंकते हैं और सफलता अर्जित करने वालों को भाग्यशाली कहकर अपने मन को  भी प्रताङित करते हैं। सच तो ये है कि, जिनके दिल में कुछ कर गुजरने के अरमान हैं वो बङे कारनामें कर सकते हैं, फिर चाहे रिश्तों का ताना-बाना हो या कैरियर की ऊँचाइयां सभी में सफल हो सकते हैं। 


स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि,  ब्रह्मांड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम हैं जो अपनी आँखों पर हाथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। 

छोटे से परमाणु में भी अजस्र शक्ति छुपी होती है। जीवन के हर क्षेत्र में अपनी क्षमता को पहचानते हुए आगे बढने में ही सच्ची सफलता है। अतः मित्रों, अपने अन्दर की शक्ति पर विश्वास करते हुए निडर होकर जिन्दगी की राह को आंतरिक ऊर्जा से रौशन करें। 
















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