Sunday 18 November 2012

प्रसिद्ध कथन

देशभक्ति मानव-मात्र का धर्म है। देशभक्ति मनुष्य के रक्त में होती है। ऐसे ही कुछ देशभक्तों के कहे वाक्य जो हम सभी के लिये आज भी प्रेरणास्रोत हैं।
1-    सवा लाख से एक लङाऊँ। (गुरू गोविन्द सिहं)
2-    स्वतन्त्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। (लोकमान्य तिलक)
3-    तुम मुझे खून दो में तुम्हे आजादी दूँगा। (सुभाष चन्द्र बोस)
4-    मैं अपनी झाँसी नहीं दूँगी। (रानी लक्ष्मीबाई)
5-    अपना राज्य बुरा होने पर भी विदेशी राज्य से सौ गुना अच्छा है। (दयानन्द सरस्वति)
6-    सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है। (राम प्रसाद बिस्मिल)
7-    हिन्दुस्थान हिन्दु राष्ट्र है। (डॉ. हेडगेवार)
8-    दो आजन्म कारावास का दण्ड सुनाए जाने पर कहा था कि- अंग्रेजों! आपका राज्य पचास वर्ष नही रहेगा। (वीर सावरकर)
9-      दिल्ली चलो। (सुभाष चन्द्र बोस)
10-       आराम है हराम (जवाहर लाल नेहरु)
11-         न्यायाधीश के पुछने पर कहा कि- मेरा नाम आजाद है, पिता का नाम स्वतंत्र, निवास स्थान भारतमाता के चरणों में या जेलखाना। (चन्द्रशेखर आजाद)
     12-        करो या मरो। (महात्मा गाँधी)

     13-         उठो जागो तब तक न रुको नही जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाये। (स्वामी विवेकानंद)

     14-       मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है। (स्वामी विवेकानंद)
    
      15-       जय जवान जय किसान (लाल बहादुर शास्त्री)

     16-          इंकलाब जिन्दाबाद (भगत सिहं)

      17-         सत्यमेव जयते (मदन मोहन मालवीय)
 
      18-         वंदे मातरम (बमकिम चंद्र चटर्जी)
 
 

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