Sunday 23 September 2012

अनेकता में एकता को रौशन करते हमारे त्यौहार

उत्सव जीवन दर्शन है। कहते हैं, सात वार नौ त्यौहार वाला देश है भारत। भारतवर्ष में विभिन्न संस्कृतियों का समागम है। सर्व विदित है कि प्रथम पूज्य मंगल मूर्ती श्री गणेंश उत्सव से ही सभी त्यौहारों का श्री गणेश होता है। जिस तरह सात रंगो के इंद्रधनुष से आकाश की खूबसूरती में चार चाँद लग जाता है, वैसे ही विभिन्न जाती एवं धर्म के उत्सव भारत को खूबसूरत बनाते हैं।

भारत की संस्कृति में त्यौहारों एवं उत्सवों का आदि काल से ही काफी महत्व रहा है। भारत के सभी त्यौहार  समाज में मानवीय गुणों को स्थापित करके लोगों में प्रेम, एकता एवं सदभावना को बढ़ाते हैं। भारत में त्यौहारों एवं उत्सवों का सम्बन्ध किसी जाति, धर्म, भाषा या क्षेत्र से न होकर समभाव से है।

पित्रों को याद करना हमारी भारतीय संस्कृति का श्रेष्ठ संस्कार है। श्राद्धपक्ष में पित्रों को तर्पण देकर उत्सवों का सिलसिला शूरू हो जाता है। पूरे विश्‍व की तुलना में भारत में अधिक त्‍यौहार मनाए जाते हैं। प्रत्‍येक त्‍यौहार का अपना महत्व होता है। सभी देवी देवता, वृक्ष, ग्रह-नक्षत्र, फसल, सहायक पशु, नदी और बदलते मौसम को भी त्‍यौहारों में स्थान दिया जाता है।

कृषी सहायक जानवारों के लिये गोवर्धन पूजा, तो कहीं गायों को बछङे के साथ बछवारस पूजा जैसे धार्मिक कृतियों के कारण जीवों से प्रेमभाव बढ़ता है और नकारात्मक दृष्टिकोण से सकारात्मक दृष्टिकोण की ओर जाने में सहायता मिलती है। तुलसी, वट, आँवला, तथा पीपल जैसे औषधिय पौधों की पूजा करके पौधों का महत्व और बढ जाता है। मौसम के बदलते मिजाज को भी शीतला माता की पूजा से उत्सवमय बना कर हम सब आनन्दित होते हैं। फसल की कटाई हो या बुआई, सभी को बीहु, लोहङी, ओणम, पोंगल, बैशाखी जैसे त्यौहार महत्वपूर्ण बना देते हैं।

रिश्तों को मजबूत बनाने के लिये पति के नाम से करवाचौथ तो भाई के लिये रक्षाबन्धन, बहन बेटीयों के लिये तीज तो कहीं बच्चियों के लिये नवरात्री पूजा, पुत्रों के लिये अहोई व्रत जैसे त्यौहार रिश्तों को आनंदित कर देते हैं। श्री कृष्ण के अनुसार- जीवन एक उत्सव है।

ईद में गले मिल कर भाई-चारे को बढावा मिलता है, सेवई की मिठास हमारी संस्कृति को मिठा बना देती है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज का उपहार खुशियों की सौगात लाता है। सभी त्यौहार आपसी भाई-चारा और सकारात्मकता के साथ शुभ संदेश देते हैं। दिपावली पर दिये जलाकर अमावश्या के अंधकार को दूर करके जीवन को ये संदेश मिलता है कि सार्थक सोच का एक दीपक जीवन को रौशन कर सकता है। मित्रों, जिस प्रकार तिल और गुड़ के मिलने से मीठे-मीठे लड्डू बनते हैं उसी प्रकार विविध रंगों के साथ जिंदगी में भी खुशियों की मिठास बनी रहे। जीवन में नित नई ऊर्जा का संचार हो और पतंग की तरह ही सभी सफलता के शिखर तक पहुंचे। कुछ ऐसी ही शुभकामनाओं के साथ हम सब मकर संक्राती का पर्व मनाते हैं। त्यौहार सभी धार्मिक संप्रदायों और वर्गों के बीच मेल-मिलाप बढ़ाने में सहायक सिद्ध  होते हैं।

त्यौहार हमारे जीवन की जङता को उत्साह में बदल देते हैं। प्रकृति भी हमें मौसम के माध्यम से त्यौहारों के आगमन का एहसास करा देती है। ठंडक का बढना घटना, मौसमी फूलों की खुशबू पूरे वातावरण को खुशनुमा बना देती है। शरद ऋतु की भीनी भीनी ठंड में गुजरात का डांडिया, उत्तर भारत में रामलीला का आयोजन तो बंगाल में दुर्गापूजा समुचे भारत को एक रंग में रंग देते हैं। जीवन एक बगिया है जिसमें उत्सव से हरियाली आती है। उत्सव या त्यौहार इसलिए होते हैं कि जीवन से दुख मिटाकर व्यक्ति एक होकर सुखी रहे। उत्सव के माध्यम से हम सभी प्रकृति तथा ईश्वर की प्रर्थना करते हैं और उसे धन्यवाद देते हैं।

जहाँ त्यौहार दिलों को मिलाते हैं वहीं ये हम सभी को अपनी परंपराओं से पीढी-दर-पीढी जोङते हैं। ईश्वर, अल्लाह या वाहे गुरू कहो, सभी धर्म एक ही धारा में बहते हैं। हमारे त्यौहार भी इन धर्मो से जुङे हुए हैं जहाँ सभी धर्म आपस में विश्वास और मानवता का पाठ पढाते हैं। मित्रों, हम सभी को ये प्रण करना चाहिये कि त्यौहारों के माध्यम से पूरे उत्साह के साथ गंगा जमुनी संस्कृति को विश्वास के दीपक से सदैव रौशन करेंगे। धरती के हर छोर पर उत्साह और उल्लास का वातावरण हो इसी शुभकामना के साथ कलम को विराम देते हैं।
       सुख सपनो की मधुर मनोहर झङियाँ आई,
        त्यौहारें ने खुशियों की बौछार लगाई।

1 comment:

  1. I am publishing a monthly Magazine "ABHI TAK INDIA" which is distribute in DELHI/NCR since last 3 years. I read your article and I appreciate your work for blind children. Now I publish your article "Jara Yaad Karo Kurbani" publish in our Magazine. If you have any objection please call or mail us. If you want your article publish in our magazine regularly please contact us. Contact No. : +91-9268436323, E-mail: abhitakindia@gmail.com

    Please reply as soon as possibly

    Regards

    Jitender India

    ReplyDelete